पिता की हत्या में बेटे को आजीवन कारावास की सजा
जमीन जायदाद एवं रिटायरमेंट होने पर मिले फंड के रुपयों के लिए बेटे द्वारा अपने पिता की हत्या करने का आरोप सिद्ध पाए जाने पर अपर सत्र न्यायाधीश सुभाष चन्द्र यादव ने आजीवन कारावास एवं दस हजार रुपये अर्थदण्ड से दंडित किया है। अर्थदण्ड नहीं देने पर अभियुक्त को छह माह का कारावास अलग से भुगतना होगा।
दोष सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा
खजनी थाना क्षेत्र के भेलन्द्री गांव का है मामला
अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मनीष मिश्रा का कहना था कि घटना 23 जुलाई 2014 की है। वादिनी लालमती देवी के एक पुत्र व तीन पुत्रियां है। सभी की शादी हो चुकी है। इसमें एक लड़की की मृत्यु हो चुकी है। बाकी दो लड़कियां अपने ससुराल में रहती हैं। वादिनी का पति मृतक सेतवान पाल रेलवे में नौकरी करते थे। रिटायरमेंट के बाद उसे फंड का पैसा व पेंशन मिलता था।
उसी रुपयों के लिए उसका बेटा आए दिन उससे विवाद करता व मारता पिटता था। पुत्र की प्रताड़ना से तंग आकर मृतक सेतवान ने उसे धमकी दिया कि सुधन जाए नहीं तो जमीन जायदाद बेटीयों के नाम कर देगा।